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زبان جغرافیایی و کانال

all posts बेनाम शायर💌✍️

मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact  @Nameless_Poet_bot   @status_point   @nature_is_calling  
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14 216-13
~2 210
~47
13.09%
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در جهان
42 868جایی
از 78 777
در کشور, هند 
5 258جایی
از 7 417
دسته بندی
1 546جایی
از 2 420
همه انتشارات
तेरे इश्क में बेहाल होकर मेरा तुमसे यू अचानक लिपट जाना और तेरा वो माथे का बोसा लेना हम दोनों को और करीब ले आया.. तेरा नजरों से मुझे यू चूम लेना मेरा वो धीरे से पलकों को झुकाना मेरे दिल की धडकनो का बढ़ जाना मुझे मीठे मीठे ख्वाब दिखा जाना तेरा यू अचानक मेरे करीब आ जाना मुझे अपनी बाहों में कसकर भर लेना तेरी सासों में मेरी सासों का समा जाना मेरे सीने में अजीब सी प्यास का जगना... उफ्फ तेरा मेरा ये इश्क ❣️
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प्रेम के दो रंग✍️ प्रेम के हैं दो रंग जुदा... एक मिलन और एक विरह... एक नाम समर्पण का... एक नाम त्याग का... एक बिन बोले आँखों की बात समझना... एक दूर रह के दुआओं में याद करना... एक सुबह से शाम का इंतज़ार तो... एक अगले जन्म में मिलने की फ़रियाद करना... एक कमियों को नज़रंदाज करना... एक किसी कमी के कोई मायने ना होना... एक रुक्मणी बन जीवन भर साथ रहना... एक राधा बन हृदय की धड़कन बनना...
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लोग पूछते हैं- कैसे हो? तो सुनो.. अनजान हूं, जान पाओगे क्या? रूठा हुआ हूं, मना पाओगे क्या? बिखरा हुआ हूं, समेट पाओगे क्या? टूटा हुआ हूं, जोड़ पाओगे क्या? खामोश सा हूं, सुन पाओगे क्या? पागल सा हूं, साथ रख पाओगे क्या? चिड़चिड़ा सा हूं, झेल पाओगे क्या? सहमा हुआ हूं, सम्भाल पाओगे क्या? रुआँसा सा हूं, हँसा पाओगे क्या? हारा सा हूं, जीता पाओगे क्या? नादान सा हूं, समझा पाओगे क्या? 😕😕
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22
🌷🌿🌷::::::मैंने तुमसे कभी नहीं पूछा की क्या तुम भी मुझसे प्यार करते हो? पर मैंने इतना चाहा की तुम किसी दिन ख़ामोशी से मेरे नज़दीक आओ और मेरे हाथ अपने हाथों पर धीरे से रखकर कानों में कह दो, सुनो, "मेरी ग़ज़ल का.. सबसे शानदार आगाज़ हो तुम:::::🌷🌿🌷
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सभी पुरुष नहीं भागते जिस्मों के पीछे, तुम उनकी पसंदिदा स्त्री से पूछना...❤️🌻
1 011
10
@kataizaharila
1 233
3
लड़कों को अपनी पसंदीदा स्त्री के लिए हर इंतजार मंजूर हैं कभी मिले, कैसे भी मिले, कही भी मिले, मिले तो सही ❤️😍
1 134
18
आज तेरी यादों ने देख फिर से जगा दिया तू मेरी है तू मेरी है का शोर मचा दिया ओर क्या करते तुझे अपनी बाहों में भरके हमने भी आंखे बंद की ओर दिया बुझा दिया आज तेरी यादों ने फिर से जगा दिया तेरी जुल्फे मेरे चेहरे से सवाल करती रही तू मुझमें खोई सी भी बवाल करती रही तुमने पूछा मेरा हाल मोहब्बत से हमने फिर उसमे थोड़ा सा इश्क मिला दिया आज तेरी यादों ने फिर से जगा दिया बाते होने लगी फिर एक होने की हमने भी हथेली थामे रखी दिल के कोने की फिर यू हुआ कुछ पल को हम खामोश हो गए ओर फिर अपनी सांसों ने बड़ा शोर मचा दिया आज तेरी यादों ने फिर से जगा दिया
ادامه مطلب ...
1 316
8
अब कि बार जो तुम आना तो.. मेरा हाल मत पूछना हाल अपना भी मत बताना बस कुछ देर ठहरना, 🥰मुस्कुराना और गुजरे लम्हें की तरह चले जाना मगर इस बार वो इश्क़ का सवाल मत दोहराना। ❤️
1 247
7
भले ही तू सारी शिकायतें मेरे हिस्से में कर दे, पर मेरा भी जिक्र अपने किसी किस्से में कर दे। ❤️
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13
"उम्र भर निभाएंगे साथ ऐसा मुझे भरम हुआ.. एक रिश्ता उम्मीद से शुरू होकर अफ़सोस पर ख़त्म हुआ"... 💔🌻
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20
""जो हाथ की लकीरों में है नहीं,,, उनका नाम हथेली में,, लिखना भी तो इश्क़ है न..!!"
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11
क्या पता ब्रह्मांड बस मेरे और तुम्हारे मिलने के लिए बना हो? क्या पता बिग बैंग- लाखों सालों का मानव विकास, बस हमारे इस पहले स्पर्श के लिए हुए हो? क्या पता ये सब खत्म हो सब कुछ- काल और कायनात जैसे ही हमारे आलिंगन जुदा हो?
1 606
13
तबाही की दहलीज पर आकर खड़े है, मत पूछो ये मंजर क्या है। बाहर से जरूर ठीक नजर आते है, सच पूछो मेरे अंदर क्या है। निकलते नही बूंद भर आंसू भी, मेरी आंखों से ज्यादा बंजर क्या है। और टूटे हुए सपनो का दर्द इतना गहरा है, मत नापो ये समंदर क्या है l 🩶💔🥀
1 414
16
मैं हिंदी की छोटी बिंदी और वो गणित का कठिन सवाल मेरा तो अर्थ बस एक ही है उसके होते हैं समीकरण हज़ार... 🦋 #
1 808
22
एक रात एक बात लिखेंगे.. हर कोई पढ़ सके, इतना साफ लिखेंगे... कोई ऐसी बात नहीं, अपने अरमान लिखेंगे.. हसीन आलम नहीं अपने हालात लिखेंगे... बहुत शिकायत है हमें तुमसे ऐ जिंदगी, अब तेरे बारे में एक किताब लिखेंगे... लिखते लिखते खत्म ना हो यह जिंदगी एक ही शब्द में पूरी कायनात लिखेंगे...🖊️
1 652
20
अपनी प्रियतमा की यादों में बहाए होंगे आंसू किसी प्रेमी ने.... कब से ए सितंबर इतना बरसने लगा हैं.💔🥀
1 708
13
तुम्हे भी मेरी कमी खलती होगी.. "है ना"-?आंटा गूथते वक्त 'जब बाल चेहरे पर आ जाते होंगे'☺️
1 720
13
स्त्री को भी छूने का तरीका होता है जनाब........ .....अब यह हमारे नीयत पर निर्भर करता है कि हम उसका जिस्म छूते हैं या रूह....🍁🍂
2 067
15
उसकी "typing..." पर, खुशी से काँपती मेरी उँगलियाँ.. इश्क़ है..❤️ उसकी "New profile pic" को.. मिनटों तक.. एकटक झाँकती पलकों की पंखुड़ियाँ.. इश्क़ है.. गुफ्तगू करने की.. अनगिनत ख्वाहिशों के बीच.. "online" होकर भी चीखती खामोशियाँ.. इश्क़ है.. जरा सी आहट पे.. फोन पकड़ कर बैठ जाना.. वो "notification" की टनटनाती घंटियाँ.. इश्क़ है.. कैसी हो? पूछने पर.. "i am fine" बताना लिख कर मिटाना.. मिटा कर छिपाना, वो "draft" में बेबस पड़ी अनकही अर्जियाँ .. इश्क़ है.. अनंत तक चलने वाली "conver" में.. "Hmm" और "K" की तल्खियाँ.. इश्क़ है.. मशरुफ़ियत.. कितनी भी भारी पड़े कैफ़ियत पूछने पर.. बस इक बार.. "Last seen" देखने वाली बेचैनियाँ.. इश्क़ है.. हर सुबह की "gm" और देर रात की "gn " इश्क़ है बस बेइंतहा इश्क़ है ❤️❤️
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2 187
16
प्रेम का चक्रव्युह तोड़ना संभव नहीं है, इसमें फसने वाला हर शख्स अभिमन्यु होता है...❤️🌻
2 040
14
वो ज़हर देती तो पूरी दुनियां की निगाह में आ जाती तो उसने ये किया कि वक़्त पर दवाईयां ना दी.....!!
2 502
23
गजलों में लिख देता हूँ मैं नाम तुम्हारा.. बस मेरे प्रेम की है इतनी सरल परिभाषा... तुम...और तुम्हारा साथ!! कभी उकेर देता हूँ पन्नों पर अपनी लेखनी सी तस्वीर तुम्हारी कभी बिंदी, कभी पाजेब, कभी आँखों पर गढ़ देता हूँ छवि एक प्यारी!! सौम्यता.. सहजता... सुंदरता का सार हो ! हाँ पड़ोसन! मेरी कविताओं की तुम इकलौती अधिकार हो!! ❣️❣️
2 305
12
उसे छूआ पर छूआ नही इश्क हुआ पर हुआ नही दिल टूटा पर टूटा नही दर्द हुआ पर हुआ नही वो मेरा है पर मेरा नही दूर हुआ पर हुआ नही मै खफ़ा पर खफ़ा नही उसे खोया पर खोया नही उसे छूआ पर छूआ नही..
2 400
17
जैसे सती को शिव मिले थे वैसे मुझे तुम आ मिलो हो प्रेम की वर्षा नयन से ऐसे हृदय से आ मिलो। तुम प्रेम का सागर वृहद मैं भाव की अविरल नदी मैं बहती तुममें जा मिलूँ तुम लहरों सा मुझसे आ मिलो। मैं विरह में जलती पथिक सी तुम चांदनी शीतल शशि की मैं गगन में तुमसे जा मिलूँ तुम धरा पर मुझसे आ मिलो। जैसे सिया को राम मिले थे वैसे मुझे तुम आ मिलो रहे प्रेम अपना ये युगों तक ऐसे हृदय से आ मिलो। ❤️
2 446
20
अपने हिस्से की शिकायतें लिये मैं उस रेल में बैठा हूँ जो तुम्हारे शहर से कोसों दूर आ चुकी है। चाहा था कि कह दूँ तुम्हे विदा लेते हुए वह सब जिसे कहने के लिये सालों इंतजार किया था महज एक मुलाकात का। लेकिन आज फिर तुम्हारी आँखो में झांकता हुआ मैं अपनी झिझक तोड़ नहीं पाया नहीं कह पाया तुमसे इन शिकायतों को जो अब चीख रहे हैं भीतर जैसे नहीं कह सका था सालों पहले कि चाहने लगा हूँ तुम्हे। तुमसे विदा लेते हुए तुम्हारे एकदम करीब छोड़ आया हूँ अपनी चाहत और अपने हिस्से की शिकायतें लिये मैं उस रेल में बैठा हूँ जो तुम्हारे शहर से कोसों दूर आ चुकी है। अलविदा तुम्हे... ❤
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2 122
21
जब भी मैने कोशिश की.. तेरी जाते हुए तस्वीर बनी...🥀🔥
1 923
18
🍁 तेरी खुशबू ही नहीं जाती जिस्म अपना उतार फेंकू क्या ?
2 027
14
सुनो लड़कियों.... पुरुष पत्थर होता है, स्त्री जैसा चाहें तराश सकती है। उसकी कठोरता में निहित, अनगिनत संभावनाएँ छिपी हैं। तुम्हारी नज़रें जब उसे छूती हैं, वो मोम की तरह पिघलने लगता है। तुम्हारे स्पर्श की ऊष्मा में, वो अपनी पहचान को खोने लगता है। तुम्हारे प्रेम की मूरत में, वो आकार पाता है। तुम्हारे सपनों की चाँदनी में, उसकी आत्मा झिलमिलाती है। सुनो लड़कियों, तुम्हारे हाथों में है वो चाबी, जिससे खुलते हैं उसके दिल के दरवाजे। तुम्हारी मुस्कान से संवरता है, उसका अस्तित्व और जीवन का हर फलसफा। तो याद रखना, पुरुष पत्थर हो सकता है, मगर तुम्हारी चाहत से, वो किसी भी रूप में ढल सकता है।
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2 273
16
"जो तुम्हारे हो गए होते हम तो..." ये ढलती शाम न उदास करती, ये उड़ती तितलियां न परेशान करती। न होती अतीत की परछाई, न मन में उलझे अरमान होते। न की होती ख्वाहिशों ने खुदकुशी, न विरान सपनों के घर होते ऐ काश के जो तुम्हारे हम होते!
2 185
9
सुनों पड़ोसन..❣️ मैं तुम्हारे लिए ऐसे भोजन पका तो नही सकता किन्तु प्यार से.. ताउम्र तुम्हे अपने हाथों से खिला जरूर सकता हूँ.. जो तैयार होगा हमारे प्रतीक्षा की भिनि आंच पर, जिसमें मेरे वफ़ा का छौंका और तुम्हारे प्रेम का तड़का मिला होगा.. जो इसके स्वाद में उत्तरोत्तर वृद्धि करेगा...!! बुझी की नही "पड़ोसन" बोलो बोलो न..!!
2 425
12
सुनो पड़ोसन... "मणिकर्णिका" घाट सी हो तुम🥰 एक क्षण का मिलन भी तुमसे मेरे "मोक्ष" के समस्त द्वार को खोल देता है...
2 233
21
और फिर एक दिन दिल मे इश्क़ मर जाता है, जब लड़कों की पसंदीदा स्त्री बिछड़ जाती है...💔
2 308
21
🍁 ज़िंदगी ने हमें फुर्सत ही नहीं दी वर्ना सामने तुझ को बिठा, बैठ के देखा करते....
2 389
29
क्यों न चलते-चलते लौट आना भूल जायें क्यों न दूरियों का हर पैमाना भूल जायें आओ चलो ख्वाब की दुनिया में चलते हैं एक-दूजे को याद रखें ये जमाना भूल जायें पानियों पर लिखें नाम मेरा-तुम्हारा औ' लहरों को अपना किस्सा सुनाना भूल जायें क्यों न खुश रहें सफ़र में साथ चलते हुए उदासियों के गीत गुनगुनाना भूल जायें प्यार, इश्क़, वफ़ा, मोहब्बत, दोस्ती क्यों हो चलो अपने रिश्ते को नाम से बुलाना भूल जायें पहाड़ों की नदी बनो तुम, हम किनारा हों साथ यूँ हो अपना सदियाँ गिनाना भूल जायें इतने पाक हों अपने बीच के एहसास साथी अपना बताकर भी तुम्हे सीने से लगाना भूल जायें ❤️
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1 969
13
तुझे भूल जाऊँ मेरे दिल से सिफारिश न कर, बेशक तू बेदखल कर दे पर लावारिस ना कर.!!🥺
2 062
18
तेरे मन के कोने में अपने लिए एक छोटी सी दराज ढूंढती हूं अपनी ढेर सारी ख़ामोश बातों के लिए तेरी आवाज ढूंढती हूं ढूंढती हूं हर सफ़र में एक साथ तेरा मंजिलों की हर सीढ़ियों पर तेरा ही हाथ ढूंढती हूं चाहती हूं तेरा कोई पसंदीदा गीत बन जाना इक उम्र नहीं कई जन्मों की मनमीत बन जाना तेरी आंखों में भी अपने लिए बेचैनियां बेहिसाब ढूंढती हूं!.. तेरे मन के कोने में अपने लिए एक छोटी सी दराज ढूंढती हूं। ❤️
2 233
11
जा रही हो तुम ! अब हृदय का द्वार प्रतिबंधित रहेगा, अन्य का इस देहरी पर, आगमन वर्जित रहेगा...
2 111
20
एक क़िताब, एक गुलाब, और आँखों में मचलता एक ख़्वाब एक बात, एक याद एक अधूरी सी मुलाकात कुछ होठों पर थम गईं, कुछ पलकों से फिसल गईं जो होते होते रह गई, वो मासूम इश्क़ की बरसात, कुछ वादे, कुछ इरादे... जिनके सहारे गुज़र गईं कितनी रातें पर अब भी उलझे उलझे से हैं उन पहचाने रिश्तों के धागे... ❤️
2 062
17
एक लड़की... सांवली सी सूरत थी कोमल सा उसका मन था, अनगिनत सपने लिए फिरता उसका मन था, वो जब पहली बार प्यार की दुनिया में रखा उसने कदम था, एक लड़की... जिसने कभी संवरना नहीं जाना था, जिसने खुद को सुंदर नहीं माना था। अचानक उसकी दुनिया में एक लड़का आया और उसे सुंदर कह गया, उसकी दुनियां में प्यार के रंग भर गया। अब वो घंटो खुद को संवारने में आइने के सामने खुद को देखती रहती है, मन ही मन उसकी बातों को सोच के मुस्कुराती है। वो कितना प्यारा होता है इंसान जो किसी को सिखा देता है खुद से प्यार करना ♥️ और उसके लिए संवरना।
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1 787
10
उफ्फ! की मोगरे सा बहक जाऊं मैं जूड़े में तुम्हारे...और तुम पारिजात सी महक जाओ ज़िंदगी में हमारी...
1 857
10
वक्त मिले तो मेरे घर तक चले आना कभी.. तेरी खुशबू के मोहताज मेरे गुलदस्ते आज भी है..!!
2 141
14
कभी कभी छोड़ देना भी बेहतर होता है... जैसे कि वो सवाल, जिसका जवाब ना आए .... वो हाथ- जो वक्त पर साथ ना दे ... वो रिश्ता - जहां कद्र ना मिले... वो प्यार जो सिर्फ मतलब के लिए साथ हों..... इसलिए जिंदगी में - कभी कभी छोड़ देना भी बेहतर होता है..!
2 270
27
"एक दिन सितारे तुमसे कहेंगे वो जो तुम्हारे लिए हमसे दुआ करता था अब नहीं रहा..." सुनो !! तुम रोना मत!! किसी रात सितारों को देखना मैं वही मिलूंगा तुम्हे...
2 030
12
तुम्हारी नीयत ही नहीं थी रिश्ता निभाने की... मैने तो तुम्हारे सामने सर झुका कर भी देखा था...🙂
2 127
23
आज कल होश उड़ा कर रखती है मोहब्बत, वो ख्वाबों में भी मिलती है तो लब चूम लेती है..
2 100
11
कुछ नदियाँ समुद्र में नहीं मिलती वो वहां तक पहुंचने से पहले ही विलुप्त हो जाती हैं जीवन जीने के क्रम में कुछ लोग भी उनसे नहीं मिल पाते जिनसे वो मिलने निकलते हैं ऐसे में सोचता हूँ क्या समुद्र को नहीं जाना चाहिए नदी के पास? शायद एक बार ही सही? समुद्र अपने नियमों से बंधा है जैसे कुछ लोग बंधे होते हैं वो नहीं निकल पाते उनसे मिलने जो की उनकी तरफ बढ़ते हैं समुद्र का आगे बढ़ना प्रलय लाता है वैसे ही लोग जब अपने बंधनों को तोड़ते हैं तो वो समाज में झंझावात उत्पन्न करते हैं मैं नदी तुम तक नहीं पहुंच पाऊंगा मेरे समुद्र फिर भी तुम मेरे इंतजार करना कहते हैं ऐसी नदियां जो समुद्र तक नहीं पहुंचती वो ज़मीन के अंदर प्रवाहित हो कर जा मिलती हैं मैं भी तुमसे मिलने के क्रम में पंचतत्वों में विलीन हो एक दिन तुमसे मिलूंगा
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2 018
10
आंगन की चिड़िया बन खुश थी बाबा घर की लक्ष्मी बना जीवन कठिन कर दिया फुदकती थी यहां वहां ठोकर पर तुम संभाल लेते थे अब संभलकर धीमी पांव चलती हूं फिर भी गिर जाती हूं तुम सा लाड कोई लड़ाता नहीं कैसे किससे कहूं मुझमें एक बच्ची है जो खेलना चाहती हैं दौड़ना चाहती है जोरों से हंसना चाहती है छोटी से चोंट पर जोरों से रोना भी चाहती है पर नही कर सकती..... न जाने कौन सी ऐसे बंधन बाबा बदल देते है लड़की का जीवन रातों रात बन तो गई हूं समझदार पर क्या खोकर बनती है एक लड़की लक्ष्मी एक लड़की ही समझ सकती है बात.....
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2 069
6
कितना बेईमान है ये दिल धड़क रहा मेरे लिए तड़प रहा तेरे लिए......❤️🌹
2 174
16
अगले जन्म तुम प्यार नहीं पिता की इजाजत लेकर आना ॥ 🩶✨
2 229
7
दिल का दर्द - 💔🩶 जिस समय तुम मुझे छोड़ गई थी ना उस समय ऐसा लगता था कि मौत आ जाये या तो तुम मिल जाओ l बस उस बंद कमरे की चहारदीवारी में कैद था.. बस हर वक्त यह सोचता था' कि तुमसे मुलाकात हो या न हो तो कम से कम से तुम्हारी आवाज सुनने को मिले.. एक अजीब सी घुटन सी थी और धड़कने एकदम तेज़ थी, ऐसा लगता था की अब जान जा रही हैं की तब जान जा रही हैं ..... इतना रोया था की आँखों से आँसू सूख गये थे लेकिन रोना नही बंद हो रहा था.... मेरी आँखे पूरा सूज गयी थी रोने की वजह से.... कोई नहीं था मेरे पास उस वक्त अकेले था..... अजीब सी तड़प होती थी...... उस दर्द को कम करने के लिए जो दीवारों में हाथ और सिर मारे उसके निशान आज भी है..... इतने कोशिश के बावजूद तुमने बस मुझसे पीछा छुड़ाने की सोची... मुझे छोड़ने की सोची.... वो तीसरा शख्स मेरी इतने दिन की मोहब्बत पे हावी हो गया..... और सब कुछ बर्बाद हो गया l 😭💔🩶
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2 484
13
लोग कहते हैं....... क्या लेकर आए थे...? क्या लेकर जाओगे...? मैं कहता हूं, एक दिल लेकर आया था... और हजारों दिलों में जगह बना कर जाऊँगा..!!
2 028
18
आशिक़ों को जायज़ नही कफन दफन, हम मरें तो ...यार... के दर पे फेंक आओ… ✍️
2 169
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मैंने कभी नहीं चाहा तुम्हें इतना कि, किसी ईश्वर से मांग लूं तुम्हें तुम्हारे लिए कभी इतना प्रेम नहीं उमड़ा कि तुम्हारी तलाश में अनन्त यात्रा पर निकल जाऊं नहीं हो सका, इतना समर्पित मैं कभी कि तुम्हारी वेदनाआें को अपने हृदय में बांध सकूं मैंने केवल तुम्हें इतना ही चाहा जितना चाहता है एक बगुला अपने साथी को तुम्हारे लिए केवल उतना ही प्रेम है मेरे पास जितना प्रेम बचता है, मरते हुए प्रेमियों में और, केवल उतना ही समर्पित हूं मैं तुम्हें जितने समर्पित थे शिव सती के लिए।
2 478
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क्या कहा उदास हो, दिल ले लो खेलती रहना
2 408
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नज़्म लिखें या एहसास लिखें सोचते हैं! आज तुम्हारे लिए कुछ ख़ास लिखें। कब के बिछड़े थे तुम, ये तो हमें याद नहीं, पर सोचते हैं आज कि तुमसे मिल के कभी ना बिछड़ने की एक फ़रियाद लिखें ख्वाहिशें कब उतरीं इन आंखों से ठीक ठीक तो याद नहीं, पर सोचते हैं आज कि तुम्हें अपनी आंखों के ख्वाबों का सरताज लिखें नज़्मों में कितने अल्फाज़ ज़रूरी हैं ये तो हमें मालूम नहीं, पर सोचते हैं आज कि तुम्हें अपने लिए ज़रूरी अपनी सांस लिखें तुम्हारे लिए कुछ ख़ास लिखें..
2 078
12
तुम अपनी मजबूरियों के क़िस्से ज़रूर लिखना वज़ाहतों से जो मेरी आँखों में जल-बुझी हैं वो ख़्वाहिशें भी शुमार करना 🥺❤️
1 895
5
उसके न मिलने का मलाल तो रहेगा खुद को लाख समझाऊँ मगर ख्याल तो रहेगा मै इस जहाँ मे एक शख्स का भी हकदार नही था क्या खुद से मेरा ता जिंदगी सवाल तो रहेगा।।
2 229
30
हम दोस्त थे भावातिरेक में एक दिन मैंने उसे चूम लिया, हम प्रेमी हो गए हमारे बीच चुम्बनों का विनिमय था, एक दिन विदा लेते हुए उसने कहा पर हम दोस्त तो रह सकते हैं न? मैंने कहा तुम्हें चूमने की इच्छा को मारकर तुम्हारा हाल-चाल पूछने का अभिनय मुझसे नहीं होगा, अब हम अजनबी हैं..!! 💔
2 177
20
उसे पसन्द है यूं गीले बालों में सो जाना सोचों क्या ख़ूबसूरत नजारा होता होगा😍❤
2 103
13
कभी कभी🌻 मन में सवाल उठता है🌻 कोई इतना भी आवश्यक क्यों हो जाता है ..?🌻 वो न मिले🌻 तो लगता है जैसे🌻 कुछ भी तो नही मिला🌻 जैसे 🌻 उसके बिन सब अधूरा है🌻 यहां तक की चलती हुई सांसें भी थमी थमी सी नजर आती हैं🌻 और ऐसे में🌻 वो कहीं से मिल जाए तो🌻 मन करता है थोड़ा सा और🌻 पा लूं उसे🌻 जो पाया है कहीं छुपा लूं उसे🌻 मृत पड़ती देह के लिए🌻 उससे बस एक मुलाकात ही🌻 संजीवनी बन जाती है 🌻 बताओ ना 🌻 आखिर क्यों कोई इतना आवश्यक हो जाता है ..?🌻
2 074
16
विवाह हमारा हो गया विवाह तुम्हारा भी हो गया, विवाह हमारा होता तो क्या बात होती..💔🥀
1 997
18
अगर कोई ज़ोर दे कर पूछेगा,🌻 हमारी मुहब्बत की कहानी...🌻 तो हम भी धीरे से कहेंगे, मुलाक़ात को तरस गए...❤
2 447
23
पूछे हमारे दिल से कोई उन की शोखियां जिन की गली में रोज़ तड़पते हैं जा के हम
2 686
7
उससे अधिक बदनसीब कौन होगा जिसने अकेले सफर किया है हमसफर के होते हुए
2 263
17
हमने नहीं सोचा था इतना दूर तक का सोचोगे, एक कन्धा चाहिए था, चार लेकर आ गए तुम
2 380
14
फूंक मार कर बुझा दे मुझे तेरे इश्क में जलता हुआ चिराग हूँ मै
2 306
10
तुम्हारे वजूद में मैं कुछ ऐसे खो जाऊ तुम गंगा हो जाना और मैं अलकनंदा हो जाऊं
2 141
18
एक स्त्री का प्रेम प्रसाद की तरह होता है, जो हर व्यक्ति के भाग्य में नहीं होता, वो उसी को नसीब होता है, जो उसके सामने झुकता है, मैं ये नही कहूँगा ,, कि किसी स्त्री को पत्नी बनाना, उसके प्रेम को प्राप्त कर लेना है.. क्योंकि स्त्री पति को सिर्फ उसका अधिकार देती है प्रेम नही . प्रेम को पाने के लिए उतना ही समर्पण चाहिए जितना हम भगवान को पाने के लिए करते है, क्योंकि प्रेम को हम नही प्रेम हमको चुनता हैं..!
2 281
18
अब किसी ग़ैर का क़ब्ज़ा है उनकी बाँहों पर.. यू समझ लो बेघर हैं हम अपना मकान होते हुये...
1 973
16
जब कोई अपना मर जाए ना तो फिर.. कब्रिस्तान से दहशत नहीं बल्कि इश्क हो जाता है....
2 177
14
दुआ करो कि मैं उस के लिए दुआ हो जाऊँ वो एक शख़्स जो दिल को दुआ सा लगता है
2 446
6
वह जो इस बार नजर से उतरा है...... हमने कभी उसकी नजरें भी उतारी थीं। ✨....💔
2 630
19
तैरता हुआ कागज़ लौट आया वापस उस किनारे पर भीड़ बहुत थी तेरे चाहने वालों की
2 673
12
मैंने कब कहा की मुझमें कोई ऐब नहीं...! गुस्सा हैं , नादानी हैं पर दिल में कोई फरेब नहीं..!
2 605
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एक आस दिल में कहीं रहती है हर सांस तुमसे यही कहती है क्या तुम मिलने मुझसे आओगे जीवन भर साथ निभाओगे। होकर जुदा तुमसे तो रह ना पाऊंगा हाल ए दिल किसी से मैं तो कह ना पाऊंगा क्या दिल को अपने मेरे जैसा समझा तुम भी पाओगे क्या तुम मिलने मुझसे आओगे जीवन भर साथ निभाओगे। याद तो मेरी भी तुमको आएगी आवाजें मेरी हर पल तुमको बुलाएंगी कानो में गूंजती आवाजों से तुम खुद को दूर कर पाओगे सुनकर उन आवाजों को क्या तुम मिलने मुझसे आओगे जीवन भर साथ निभाओगे।
3 226
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सिर्फ कुछ कहानियाँ हैं मेरे पास और ... हर कहानी के अंत में मुझे जुदा होना होता है..🖤
3 040
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**𝐑𝐞𝐚𝐝 𝐌𝐨𝐫𝐞👇 ➤ ♥️🧡💛**
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सालों हो गए लिखते हुए अच्छा बुरा चाहे जैसा भी हो लिखता रहा हूं और आगे भी लिखता रहूं ऐसा प्रयास है पर जब भी प्रेम के लिए लिखना हुआ लिखने के बाद भेजूं किसे ये खालीपन हमेशा जीवन में रह गया.... और फिर वो अनाम सा नज़्म बन एक पोस्ट हो गया... सुनो...... मेरा लिखा पढ़ने वालियों... " कभी तुम भी लिखा करो दो शब्द हमारे लिए.... "हमें सिर्फ़ लिखना नही पढ़ना भी अच्छा लगता हैं....!! मुझसे मोहोब्बत का इजहार करती काश कोई लड़की मेरे लिए लिखा करती.... ाबा_बनारसी © © © ©
ادامه مطلب ...
2 566
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🍁 एक बार और मिलने के बाद भी , एक बार और मिलने की इच्छा , पृथ्वी पर कभी खत्म नहीं होगी...
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गुजार ली मैंने ये, आधी जिंदगी बिन तेरे, बची जो आधी वो बस अब, तेरे साथ ही निभाना चाहता हूँ, जिंदगी कभी किसी की मुक्कमल होती नही, एक तेरा साथ जो मिले मुझे मैं इस बात को झुठलाना चाहता हूँ
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आरज़ू इतनी सी है, तुम आओ तो फिर से अपनी पुरानी यादों को सी लें शिकायतों को दूर कर आँखों का नमकीन समंदर पी लें उदासियाँ थोड़ी गहरी हैं तेरे काँधे पर सिर रख कर कुछ लम्हें हम भी जी लें। ❤️
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उसको भी छेड़ छाड़ का अन्दाज आ गया देखा मुझे तो जानकर अंगड़ाई ली गई .. 🥰
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दुआ है कि, तुझे भी कोई तेरे जैसा मिल जाए भरम ज़िंदा रखे तेरे दिल में अपनी चाहतों का और आँखों में नफ़रत का ज़हर भर जाए। ❤️
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किसी का हांथ थामकर प्यार जताना, और कहना कि मैंने तुम्हें बहुत याद किया, कि मैं तुमसे दूर नहीं रह सकता, कि मैं तुमसे अनंत प्रेम करता हूं, ये कहना सबसे सुंदर शब्द होते हैं, बहुत सुंदर होता होगा वो लम्हां जब कोई हथेली में अपनी उंगलियों से लिख दे अपना ही नाम, और कहे कि अब इस पर सिर्फ तुम्हारा हक है, सुनो कभी आना ख्वाबों में मेरी हथेलियों को चूमकर अपना नाम लिखने..!!
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आंसू स्त्री के हो या पुरूष के, उन्हे अपने हाथों में समेटने वाला, सदा ही रहा पूजनीय, जिन भरोसेमंद कंधो पर वो आंसू , बहाए जाते हैं, वो कांधे सदा रहेंगे सराहनीय , सिर पर फिराकर हाथ, जिन्होंने साथ रहने का वादा किया, उन्होंने कर लिया अपना ऋणी, एक जन्म के लिए, और जिन्होंने पोंछ कर आंसू, लगा लिया हृदय से अपने , उन्होंने बांध लिया सदा के लिए , स्वयं से एक अनकहे से बंधन में..!
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फरिश्तें सी होती हैं वो स्त्रियाँ जो पुरुष के आंसुओं को..! अपनी गोद में सींचकर एक पुरुष को पत्थर होने से रोक देती हैं..!!
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उफ्फ करूँ या हाय तौबा! तुम सनम क्या खूब लगती हो ये अदा, ये सोखियाँ, जुल्फें तुम्हारी, यार! महबूब लगती हो ❤️
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हर किसी की जरुरत पर, नंगे पांव पहुंचे हम,, हमारी बारी में, सबके यहां बहुत बारिश हो गई।।

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फासले बढ़ गये हैं दरम्यां अपने मगर बीच सफ़र में राह भी मोड़ा नहीं करते। उसको सिखाया नहीं शायद किसी ने इश्क़ करके महबूब को छोड़ा नहीं करते। बहुत कमजोर है डोर रिश्तों की 'आशु' तोड़कर दिल बार-हा जोड़ा नहीं करते। करनी है हमसे दुश्मनी तो बेहद कर इश्क और नफ़रत थोड़ा नहीं करते। जिस तरह से तोड़ा उसने दिल मेरा यार! इस तरह पत्थर भी तोड़ा नहीं करते। ❤️
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उछलती लहरों की आवाजें सीढ़ियों की बोली घंटियों की शोर से गूंजता दिल बनारस इश्क न होकर कुछ और है बनारस वैराग्य है हवाओं की गंध में लाशों की चिरांध और आरती की महक उफ्फ... बनारस इश्क न होकर अघोर है... ❤️
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कुछ इस तरह मेरी मौत आए, आँखों में ठहरी हो तस्वीर तुम्हारी, कलम हाथों में हो और पन्नों पर घुटती रहें यादें देर तलक हर साँस तुम्हारे लिए एक गीत बन जाए उतारता रहूं मैं ख़तों पर प्रेम अपना हर लफ्ज़ में तू ही तू बस जाए ढूंढे जब तू मुझे घबराकर कभी, मेरा अक्श तुम्हें हर पन्नें में मिल जाए मेरी मौत कुछ इस तरह आए। ❤️
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मुश्किल है सब भूलकर जीते रहना। अपना ग़म, किसी का चेहरा, एक गली खुली खिड़कियाँ, बोलती आँखे सब भूलकर जीते रहना मुश्किल है। संघर्षों के दौर को, अपने बनाए रास्ते अपनी हार के किस्से, अपनी जीत का जश्न सब भूलकर जीते रहना मुश्किल है। एक शहर, पुराना काॅलेज, आखिरी बेंच बिंदास मस्तियाँ, पुराने यार, पहला-सा प्यार सब भूलकर जीते रहना मुश्किल है। पहली नौकरी, पहली सैलरी, बहते आंसू बीता बचपन, ये कमबख्त जवानी सब भूल कर जीते रहना मुश्किल है... ❤️
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इश्क़ के शस्त्रों मे ब्रह्मास्त्र है झूमका, हर आशिक यही पिघल जाते है...❤️
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उम्र के इस मोड़ जब ज़िंदगी करवटें बदल रही है मैं चाहता हूँ कि तुम लौट आओ और थामकर मेरा हाथ कह दो कि सब ठीक हो जायेगा। ❤
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हो फ़ुरसत तो चले आना... इश्क़ का मौसम है...बहार भी है...💞 इन्तज़ार है तीनों को तुम्हारा... चाय है... मैं हूं....और बरसात भी है...💞
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सबमें कुछ ना कुछ कमियां होती हैं, मुझमें भी है..... तेरी कमी.... शुभ संध्या
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जिस्मों पर हक मिल जाते हैं.. बेशक रीति-रिवाज़ों से..!! "रूह" जिसकी दीवानी हो.. उसे ही"इश्क़" कहते है..!!
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मर्द से अच्छा है पुरुष हो जाना :- मर्द को ना तो दर्द होता है, और ना ही वो रो सकता है। पुरुष के हृदय में दर्द भी होता है और पुरुष अपने प्रिय के कंधे पर सर रख के रो भी सकता है। मर्द समाज के चार लोगों का परवाह करने वाला होता है, मर्द कि कोई प्रेमिका नहीं होती. मर्द किसी भी औरत के सामने नहीं झुकता अपनी मां के सामने भी नहीं. मर्द औरत के रूप में चाहता है एक अबला जो उसके पैरों कि जूती बनी रहे। पुरुष भिन्न है। पुरुष को प्रेम करने का अधिकार प्राप्त है। या यूं कहे पुरुष समाज के चार लोगों को परवाह किए वगैर अपनी मां की बात मान सकता है, किसी स्त्री के सामने झुक सकता है। पुरुष किचन मै जाकर खाना भी बना सकता है, और स्त्री के बाल भी संवार सकता है। इसलिए मर्द से अच्छा है पुरुष हो जाना...!
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जब सब कुछ हांसिल होने वाला होगा उस दिन तलब ही मिट जायेगी ।। ~ 🖤🖤🖤
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Last updated: ۱۱.۰۷.۲۳
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