सुनो लड़कियों....
पुरुष पत्थर होता है,
स्त्री जैसा चाहें तराश सकती है।
उसकी कठोरता में निहित,
अनगिनत संभावनाएँ छिपी हैं।
तुम्हारी नज़रें जब उसे छूती हैं,
वो मोम की तरह पिघलने लगता है।
तुम्हारे स्पर्श की ऊष्मा में,
वो अपनी पहचान को खोने लगता है।
तुम्हारे प्रेम की मूरत में,
वो आकार पाता है।
तुम्हारे सपनों की चाँदनी में,
उसकी आत्मा झिलमिलाती है।
सुनो लड़कियों,
तुम्हारे हाथों में है वो चाबी,
जिससे खुलते हैं उसके दिल के दरवाजे।
तुम्हारी मुस्कान से संवरता है,
उसका अस्तित्व और जीवन का हर फलसफा।
तो याद रखना,
पुरुष पत्थर हो सकता है,
मगर तुम्हारी चाहत से,
वो किसी भी रूप में ढल सकता है।
@kataizaharilaПоказати повністю ...