आंसू स्त्री के हो या पुरूष के,
उन्हे अपने हाथों में समेटने वाला,
सदा ही रहा पूजनीय,
जिन भरोसेमंद कंधो पर वो आंसू ,
बहाए जाते हैं,
वो कांधे सदा रहेंगे सराहनीय ,
सिर पर फिराकर हाथ,
जिन्होंने साथ रहने का वादा किया,
उन्होंने कर लिया अपना ऋणी,
एक जन्म के लिए,
और जिन्होंने पोंछ कर आंसू,
लगा लिया हृदय से अपने ,
उन्होंने बांध लिया सदा के लिए ,
स्वयं से एक अनकहे से बंधन में..!
@kataizaharila